Unveiling the Untold: Surprising Facts about Gadar: Ek Prem Katha

  "Gadar: Ek Prem Katha" is a popular Bollywood film that was released in 2001. It starred Sunny Deol and Amisha Patel in the lead roles and was directed by Anil Sharma. The movie depicted a love story set against the backdrop of the Partition of India in 1947. While the film gained immense popularity, there are some lesser-known facts about "Gadar: Ek Prem Katha": 1. Historical Accuracy: Although "Gadar: Ek Prem Katha" is a fictional love story, it incorporated real historical events from the time of the Partition. The film portrayed the violent and tragic consequences of the Partition, highlighting the human cost and the struggles faced by people during that period. 2. Box Office Success: "Gadar: Ek Prem Katha" was a massive box office success and became one of the highest-grossing Bollywood films of all time at the time of its release. It held the record for the highest-grossing Hindi film until it was surpassed by "Dhoom 2" in 2006....

मुक्काबाज फिल्म रिव्यु: साल की शुरुवात अनुराग कश्यप के दमदार मुक्के के साथ

'रमण राघव' जैसे थ्रिलर फिल्म के बाद अनुराग कश्यप ने दमदार वापसी की है 'मुक्काबाज़' के साथ. जी हा मुक्काबाज़ इस हफ्ते में रिलीज हो गयी है और इसका ट्रेलर तो बहुत ही उमदा था, तो पढिये इस फिल्म का रिव्यु हमारी नजरोसे.  

Mukkabaaz film, Mukkabaaz, Vineet Kumar Singh, Anurag Kashyap
मुक्कबाझ फिल्म का पोस्टर 
कहानी है बरेली की श्रवण सिंह की जो नीचली जाती का है (विनीत कुमार सिंह) उसका बस एक ही सपना है कि उसको बॉक्सिंग में अपना नाम कमाना है. पर उसके गरीबी के वजह से उसको अपना सपना पूरे करने में बहुत  परेशानीया होती है. तो वो मुक्केबाजी की ट्रेनिंग लेने के मकसद से फेडरेशन में पॉवरफुल और दबंग भगवानदास मिश्रा (जिम्मी शेरगिल) के यहां ट्रेनिंग के लिये जाता है. पर भगवान दास उसे बॉक्सिग की ट्रेनिंग देने की बजाए अपने घर के कामकाज में लगा देता है. श्रवण को यह कामकाज करना मंजूर नहीं है और एक दिन वो भगवान दास के चेहरे पर मुक्का जड़ देता है. तो इसके बाद से भगवान दास उसका करियर तबाह करने का सोचते है और कहानी में एक मोड़ आता है जब श्रवण भगवान दास की भतीजी सुनैना (जोया हुसैन) जो सुन तो सकती है लेकिन बोल नहीं सकती उस पर मर मिटता है. भगवान दास के वजह से श्रवण बरेली में एक बार भी टूर्नामेंट खेल नही पाता ओर वह बनारस जाता है, जहां कोच (रवि किशन) उसके टैलंट को पहचान लेता है. कोच को लगता है कि अगर मेहनत की जाए तो श्रवण नैशनल चैंपियन बन सकता है. फिर जिला टूर्नामेंट जीतने के बाद श्रवण को रेलवे में नौकरी मिल जाती है और भगवान दास की मर्जी के खिलाफ श्रवण और सुनैना की शादी करते है. इसके वजह से भगवान दास श्रवण को नैशनल चैंपियनशिप के मुकाबले से बाहर करने के लिए एक साजिश रचते है. तो क्या श्रवण भगवान दास के साजिश में फसेंगे? और क्या वह नेशनल चैंपियन बनेगा? तो ये है मुक्केबाज़ ही कहानी.

तो चलो अब बात करते है इस फ़िल्म के कलाकार के प्रदर्शन की. विनीत कुमार सिंह (श्रवण) इस फ़िल्म की जान है. उन्होने इस फ़िल्म के लिए बॉक्सिंग की ट्रेनिंग ली थी इसी के वजह से उन्हें बहुत सारी चोटे भी लगी थी और बोलते है ना मेहनत का फल कभी व्यर्थ नही जाता, तो उनकी मेहनत इस फ़िल्म में रंग लाई है. लाजवाब अभिनय उन्होंने किया है. जिमी शेरगिल का किरदार एकदम ज़बरदस्त है. जिमी ने अपना निगेटिव रोल इतना उमदा किया है कि आपको उस किरदार से नफरत होने लगेगी. फिल्म की होरोइन ज़ोया हसन का रोल भी अच्छा है, उसके न बोलते हुए भी अपना किरदार बहोत अच्छे तरीके से निभाया है. रवि किशन का रोल छोटा पर दमदार है. नावाजुद्दीन सिद्धकी एक गाने में दिखते है लेकिन अपने वही देव डी वाले लुक के साथ.

फिल्म की कहानी अच्छी है और हमे सोचने पर मजबूर करती है कि नीचले जाती के लोगों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है और उनको अपने सपने पूरे करने के लिये बहुत सारी कठनाइयों से गुजरना पड़ता है.

मुक्काबाज़ के संवाद बहुतही बढिया है, 'माइक टायसन हैं हम उत्तर प्रदेस के', 'एक ठो धर दिए न तो प्राण पखेरू हो जाएगा आपका' ऐसे काही डायलॉग्स दर्शकों को सीठिया और तालिया बजाने को मजबूर करते है. फ़िल्म के गाने परिस्थिती के अनुसार है.

अगर फिल्म के डायरेक्शन की बात करे तो अनुराग कश्यप का जादू इस बार बहुत अच्छे तरीके से चला है और हमे उनकी 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' की याद दिलाती है. इस फ़िल्म की एक ही खामी है, फर्स्ट हाफ में कुछ सीन जरा लंबे हो गए उसे थोडा एडिटिंग में कम करते तो बातही कुछ और बन जाती. पर कोई नही इसको हम अवॉइड कर सकते है.

ओवरआल 'मुक्काबाज़' एक दमदार फ़िल्म है और साल की शुरुआत इससे अच्छी नही हो सकती. हम भी यही उम्मीद करते है कि ये फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई करे.

मुक्कबाझ फिल्म का ट्रेलर 

Comments

Popular posts from this blog

Deadpool 2 Trailer Review

हेट स्टोरी 4: उर्वशी रौतेला का आशिक बनाया आपने अंदाज